तीर को आता देख अपनी ओर
फुदकी चिड़िया और
जा छुपी झुरमुट में
चक्राकार घूमती मछली को
नहीं थी उपलब्ध
यह सुविधा. वरना संपन्न नहीं हो पाता
स्वयंवर द्रौपदी का. मछली कर पाती
अनुसरण चिड़िया का
तो तय मानें बच गई होती द्रौपदी
पांच पतियों द्वारा दिए गए
जख्मों की आजीवन-टीस से.
मछली की नियति बन गई
नियति पांचाली की.
-मोहन श्रोत्रिय
फुदकी चिड़िया और
जा छुपी झुरमुट में
चक्राकार घूमती मछली को
नहीं थी उपलब्ध
यह सुविधा. वरना संपन्न नहीं हो पाता
स्वयंवर द्रौपदी का. मछली कर पाती
अनुसरण चिड़िया का
तो तय मानें बच गई होती द्रौपदी
पांच पतियों द्वारा दिए गए
जख्मों की आजीवन-टीस से.
मछली की नियति बन गई
नियति पांचाली की.
-मोहन श्रोत्रिय
अहा...
ReplyDeleteबेहतरीन......
सादर
अनु