Saturday 13 July 2013

विडंबना !



एक खलनायक जो कल चला गया, वास्तविक जीवन में नायकों से भी बड़ा नायक था. एक राजनीतिक नायक के रूप में पेश किया जा रहा व्यक्ति कोई क़सर नहीं छोड़ रहा यह साबित करने में कि वह मूलतः खलनायक है.

जो फ़िल्मों में खलनायक था, उसे हर आमोखास भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है. जो राजनीति में नायक के रूप में पेश किया जा रहा है, उसे अधिकांश लोगों की नफ़रत ही मिल रही है. वह भय का संचार करने में दक्ष माना जाता है.

-मोहन श्रोत्रिय

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