Saturday 17 August 2013

राजनीतिबाज़ प्रेरणा ग्रहण कर रहे हैं लेखकों से



पहले एक ने कहा, मेंढक !
जवाब में सुना, कॉकरोच !
मनभावन राजनीतिक विमर्श है न यह?

कौन कहता है कि लेखक प्रभाव नहीं डालते राजनीति पर !
अभी कुछ दिन पहले ही तो
दो लेखकों ने कुछेक अन्य लेखकों को संज्ञा दी थी
मक्खी, मच्छर, भुनगे और गधे की !

नाम तो और भी धरे थे
लेखकों ने
वे ज़्यादा प्रतिभाशाली और मौलिक जो होते हैं.

अच्छा है राजनीतिबाज़
पढ़ रहे हैं लेखकों को
और सीख भी रहे हैं उनसे !


-मोहन श्रोत्रिय

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